What is Internet in Hindi (इंटरनेट क्या है )

इंटरनेट की कार्यप्रणाली: एक आसान और विस्तृत व्याख्या

आज के दौर में इंटरनेट हमारी जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। हम मोबाइल, लैपटॉप या किसी भी डिवाइस से इंटरनेट के जरिए दुनिया भर की जानकारी चंद सेकंड में प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह इंटरनेट काम कैसे करता है? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।

1. इंटरनेट क्या है?

इंटरनेट एक विशाल नेटवर्क है, जो दुनियाभर के कंप्यूटरों, सर्वरों और डिवाइसों को आपस में जोड़ता है। जब हम किसी वेबसाइट को खोलते हैं, वीडियो देखते हैं, या ऑनलाइन कॉल करते हैं, तो सारा डेटा एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता है। यह डेटा कई तकनीकों के माध्यम से हम तक पहुँचता है।

2. इंटरनेट कैसे जुड़ा होता है?

इंटरनेट को सुचारू रूप से चलाने के लिए मुख्य रूप से निम्नलिखित चीजें ज़रूरी होती हैं:

(A) फाइबर ऑप्टिक केबल: समुद्र के नीचे फैला नेटवर्क

  • दुनिया भर में इंटरनेट का सबसे बड़ा नेटवर्क फाइबर ऑप्टिक केबल्स से जुड़ा हुआ है। ये केबल्स समुद्र के नीचे बिछी होती हैं और एक देश को दूसरे देश से जोड़ती हैं।

  • इन केबल्स में डाटा प्रकाश (लाइट) के रूप में भेजा जाता है, जो अत्यधिक गति से चलता है।

  • समुद्र में बिछाने के लिए विशेष जहाजों का उपयोग किया जाता है, और यह बहुत महंगा और जटिल कार्य होता है।

  • दुनिया में हजारों किलोमीटर लंबी फाइबर केबल्स बिछाई गई हैं, जिससे पूरा इंटरनेट नेटवर्क जुड़ा हुआ है।

(B) इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP)

  • आम जनता सीधे समुद्र के नीचे बिछी फाइबर केबल से नहीं जुड़ सकती, इसलिए हमें इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP - Internet Service Provider) की जरूरत होती है।

  • Jio, Airtel, BSNL, Vodafone जैसी कंपनियां इंटरनेट सेवाएँ प्रदान करती हैं। ये कंपनियाँ बड़े डाटा सेंटर और फाइबर नेटवर्क से जुड़ी होती हैं।

  • ISP हमारे घरों और ऑफिस तक ब्रॉडबैंड, फाइबर इंटरनेट और मोबाइल डेटा के जरिए इंटरनेट पहुँचाते हैं।

(C) IP एड्रेस और DNS सिस्टम

  • हर डिवाइस जो इंटरनेट से जुड़ी होती है, उसका एक IP एड्रेस (Internet Protocol Address) होता है। यह इंटरनेट पर हर डिवाइस को एक अनोखी पहचान देता है।

  • चूंकि नंबर याद रखना मुश्किल होता है, इसलिए DNS (Domain Name System) नामों को IP एड्रेस में बदलता है।

  • जब हम google.com टाइप करते हैं, तो DNS इसे Google के सर्वर के IP एड्रेस में बदल देता है और वेबसाइट खुल जाती है।

3. इंटरनेट दुनिया भर में कैसे काम करता है?

इंटरनेट को दुनियाभर में कनेक्ट करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है:

(A) समुद्र के नीचे फैला इंटरनेट नेटवर्क

  • फाइबर ऑप्टिक केबल्स दुनिया के महासागरों के नीचे बिछाई गई हैं, जिससे महाद्वीपों और देशों को इंटरनेट से जोड़ा जाता है।

  • जब हम कोई वेबसाइट खोलते हैं, तो डेटा इन केबल्स के जरिए दूसरे देश या सर्वर तक पहुँचता है और वापस आता है।

  • उदाहरण के लिए, यदि आप भारत से अमेरिका में स्थित किसी वेबसाइट को खोलते हैं, तो डेटा ट्रांसफर के लिए यह हजारों किलोमीटर का सफर तय करता है।

(B) वायरलेस और मोबाइल नेटवर्क

  • जब हम मोबाइल इंटरनेट का उपयोग करते हैं, तो यह डेटा हमारे मोबाइल से मोबाइल टावर तक जाता है।

  • मोबाइल टावर इसे फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क के जरिए इंटरनेट सर्वर तक भेजता है।

  • 4G और 5G टेक्नोलॉजी की मदद से इंटरनेट पहले से बहुत तेज़ हो गया है।

  • Wi-Fi, Hotspot, और Broadband भी वायरलेस कनेक्टिविटी के माध्यम हैं।

(C) सैटेलाइट इंटरनेट

  • दुनिया के कुछ हिस्सों में जहां फाइबर केबल्स और मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुँच सकते, वहाँ सैटेलाइट इंटरनेट का उपयोग किया जाता है।

  • SpaceX का Starlink प्रोजेक्ट इसी दिशा में काम कर रहा है, जिससे दूरदराज़ के इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट पहुँच सके।

4. इंटरनेट की सुरक्षा कैसे होती है?

इंटरनेट पर डेटा को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है:

(A) SSL/TLS एन्क्रिप्शन

  • जब हम किसी वेबसाइट पर जाते हैं, तो हमारा डेटा सुरक्षित तरीके से भेजा जाता है।

  • वेबसाइट्स के URL में https:// का मतलब है कि यह सुरक्षित है और डेटा एन्क्रिप्टेड रूप में भेजा जा रहा है।

(B) फ़ायरवॉल और एंटीवायरस

  • फायरवॉल एक सुरक्षा दीवार की तरह काम करता है, जो खतरनाक वेबसाइटों और वायरस से बचाता है।

  • एंटीवायरस प्रोग्राम कंप्यूटर में वायरस और मैलवेयर से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

(C) VPN (Virtual Private Network)

  • VPN का उपयोग करके हम अपने इंटरनेट ट्रैफिक को सुरक्षित रख सकते हैं और अपनी लोकेशन छुपा सकते हैं।

5. इंटरनेट से जुड़े कुछ रोचक तथ्य:

इंटरनेट की गति - आज की इंटरनेट स्पीड कुछ साल पहले की तुलना में 100 गुना तेज़ हो चुकी है।

  1. हर सेकंड लाखों गीगाबाइट डेटा ट्रांसफर होता है।
  2. Google दुनिया की सबसे ज़्यादा उपयोग होने वाली वेबसाइट है।
  3. दुनिया में हर सेकंड 2.5 लाख से अधिक ईमेल भेजे जाते हैं।
  4. इंटरनेट का 90% डेटा ‘डार्क वेब’ में छिपा होता है, जिसे आम यूजर एक्सेस नहीं कर सकते।

निष्कर्ष

इंटरनेट एक बेहद जटिल लेकिन शानदार तकनीक है, जो फाइबर ऑप्टिक केबल्स, वायरलेस नेटवर्क और सैटेलाइट्स के जरिए हमें दुनिया से जोड़ता है। यह हमें किसी भी कोने से जानकारी एक्सेस करने की शक्ति देता है।

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